Kacha Badam Singer Bhuban Badyakar की पॉपुलैरिटी ले जा रही उन्हें बर्बादी के रास्ते पर

Kacha Badam singer Bhuban Badyakar: किसी ने बिल्कुल सच ही कहा है कि जब अचानक से अगर किसी आदमी को पैसा शोहरत और इज्जत मिलने लगती है तब उसे यकीन ही नहीं होता और वो अपनी पिछले जिंदगी को भूल कर एक ऐसी दुनिया में चला जाता है जहां सब कुछ उसी सपने जैसा लगता है लेकिन इंसान को कभी अपनी पिछली जिंदगी भूल ही नहीं चाहिए और ठीक ऐसा ही हुआ है कच्चा बादाम सिंगर भुवन वादियाकर के साथ भुवन को भी अब पैसों की रंग चढ़ने लगी है भुवन साफ कह चुके हैं कि अब वो मूंगफली नहीं बेचेंगे क्योंकि वह एक सेलिब्रिटी बन चुके हैं

अब वो सिंगिंग में अपना करियर बनाएंगे इस बीच भुवन ने एक और ऐसा काम कर डाला है जिसने लोगों को हैरानी में डाल दिया है दरअसल भुवन ने अब राजनीति में कदम रख दिया है जी हां भुवन ने पश्चिम बंगाल की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम लिया है और अब उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार करना भी शुरू कर दिया है पश्चिम बंगाल में नगर निगम चुनाव होने वाले हैं इस बीच भुवन ने बालू घाट में टीएमसी कैंडिडेट महेश पारीक के लिए ना सिर्फ रैली की बल्कि पूरे जीप में उनके लिए उसने लोगों से वोट भी मांगे भुवन का बदला हुआ रूप देखकर हर कोई दंग रह गया है Kacha Badam

दरअसल सच ये है कि हर कोई इस समय भुवन की पॉपुलैरिटी का फायदा उठाने पर तुला हुआ है भुवन ना ही ज्यादा पढ़े लिखे हैं और ना ही उन्हें दुनियादारी की समझ है उनको जब ₹300000 का चेक मिला तो गांव वालों ने उनसे कह दिया कि इतना पैसा मिल गया है तो कोई तुम्हें किडनैप कर लेगा जिसके डर से भुवन ने चने बेचने भी छोड़ दिया किसी ने चढ़ा दिया कि इतना मशहूर हो गए हो तो गाना गाओ और पैसा कमाओ
तो भुवन कहने लगे कि वो सिंगर बनेंगे अब नेता भी भुवन के पीछे पड़े हुए हैं उन्हें पता है कि भुवन आजकल बहुत ही ज्यादा मशहूर है Kacha badam singer Bhuban Badyakar पर हुई पैसों की बरसात, म्यूजिक कंपनी से मिले लाखों रुपये, पुलिस ने भी किया सम्मानित

और अगर वो उनके लिए वोट मांगेंगे तो उन्हें फायदा बहुत मिलेगा कुछ नहीं तो कम से कम उनको देखकर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जाएगी लेकिन शायद भुवन ये समझ ही नहीं पा रहे हैं कि सोशल मीडिया से मिले इज्जत दौलत और शोहरत बस 4 दिन की होती है बाकी सब का हाल रानू मंडल के जैसा ही होता है काश भुवन को ये कोई समझा पाता वरना तो वह दिन दूर नहीं जब भुवन को कोई पूछने वाला तक नहीं होगा और फिर उन्हें मजबूर होकर चने और बादाम ही बेचना पड़ेगा