GANGUBAI KATHIAWADI MOVIE REVIEW: 3-3 हीरो को पछाड़ आलिया बनी असली हीरो
GANGUBAI KATHIAWADI MOVIE REVIEW तो फाइनली आज दर्शकों का इंतजार खत्म हो गया और गंगूबाई आ गई है सिनेमा के बड़े पर्दे पर जिसका गंगूबाई को देखने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे वो भंसाली के लेविस और क्लासिक सेटों में सवार होकर आप दर्शकों के लिए थिएटर्स में हाजिर है फिल्म देखने के बाद एक बात तो कहनी बनती है कि संजय लीला भंसाली की इस मूवी में तीन तीन हीरो होने के बावजूद कोई हीरो नहीं है आलिया भट्ट हीरो है और वही हीरोइन भी तो चलिए फटाफट से बताते हैं आपको कैसी है आलिया भट्ट की माफिया क्वीन वाली फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी सबसे पहले बात करते हैं
फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी में काफी पोटेंशियल है एक 14 साल की गंगा के गंगूबाई बनने तक का सफर पर आधारित है ये फिल्म गंगा से गंगूबाई बनने के पीछे जिस इंसान का हाथ है जिस पर वह अंधा विश्वास करती है लेकिन वही उसके भरोसे और सपने को हजार रुपये में कोठे पर नीलाम कर आता है जिसके बाद गंगा हालात से मजबूर होकर अपने घुटने टेकती हैं या फिर हालात को ही बदलती है इस पर फिल्म का ताना-बाना पिरोया गया है इस सफर में उनके साथ और खिलाफ में सीमा मौसी यानी कि सीमा पाहवा, करीम लाला (अजय देवगन) कमली इंदिरा (तिवारी अब) शांतनु महेश्वरी, रजिया बेगम, विजय राज हैं बात करते हैं
फिल्म की रिव्यु

संजय लीला भंसाली अपनी फिल्मों में इंप्रोवाइजेशन का स्कोप नहीं रखने के लिए जाने जाते हैं उनका यह प्लांन टू परफेक्शन वाला होता है हालांकि इस फिल्म में वो कमी थोड़ी जरूर खली Gangubai Kathiawadi Trailer
फिल्म की नेगेटिव प्वाइंट

फिल्म के सबसे नेगेटिव प्वाइंट की अगर बात करें तो गंगा से गंगूबाई बनने तक का सफर को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए ज्यादा रिसर्च नहीं की गई अगर मेकर्स चाहते तो गंगूबाई की बचपन और उसके परिवार के साथ उसके रिश्ते को भी बखूबी दर्शकों के सामने पेश कर सकते थे और दिखा सकते थे ये फिल्म को एक मजबूती देता कि कैसे गंगा ने अपने परिवार को छोड़ने का फैसला लिया गंगू जिसके साथ भागती है उसे कहानी में एकदम एंट्र करा दिया जाता है ना ये दिखाया गया कि गंगा और रमणीक कैसे एक दूसरे के करीब आए और जिसके बाद गंगा कमाठीपुरा पहुंची
तब उसके साथ क्या-क्या हुआ शुरुआत मैं ये भी फिल्म में थोड़ा बहुत गायब दिखा फिल्म की छोटी-छोटी चीजें ऐसी रही जिन पर काम किया जा सकता था गंगूबाई और डॉन करीब लाना कि रिश्ते को भी और ज्यादा खूबसूरती से पेश किया जा सकता था हालांकि दोनों की केमिस्ट्री ने फैंस का दिल जरूर जीत लिया सबसे बड़ी फिल्म में कमी यही दिखी कि हम असल में गंगूबाई के बारे में जान ही नहीं पाए कि आखिर गंगुबाई कौन थी और उसका बर्ताव कैसा था उसके आसपास के लोग उसके बारे में क्या सोचते थे उसका बचपन कैसा निकला
आलिया ने जीता दिल

वैसे तो फिल्म में विजय राज, अजय देवगन, शांतनु महेश्वरी, सीमा पाहवा, हुमा कुरेशी और इंदिरा तिवारी सभी ने जोरदार एक्टिंग की है लेकिन फिल्म में आलिया भट्ट की एक्टिंग ने सबका दिल जीत लिया है आलिया के लिए इस फिल्म में राजी जैसा स्कोप था जिसका वो सही इस्तेमाल कर पाने में कामयाब रही है उन्होंने गंगूबाई के किरदार को जीने में कोई कमी नहीं छोड़ी ये कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म को देखने के बाद अगर कभी गंगूबाई काठियावाड़ी का जिक्र आता है तो आपके जेहन में आलिया भट्ट की तस्वीर जरूर पहुंच जाएगी
डायलॉगबाजी में कितना दम

आपको बता दें कि डायलॉग का ये सेक्शन को फिल्म की जान कहा जा सकता है फिल्म में डायलॉग इतनी शानदार है कि आने वाले समय में भी इसकी मिसाल दी जाएगी तो ज्यादा नहीं होगा प्रकाश कपाड़िया की कलम काफी शानदार बन पड़ी है और उत्कर्ष नेने ने भी प्रकाश का बखूबी साथ दिया है 8 Facts You Didn’t Know About Gangubai Kathiawadi Movie
क्या बेहतर हो सकता था

फिल्म का फर्स्ट हाफ फिल्म के सेकंड हाफ पर थोड़ा भारी पड़ता नजर आता है फिल्म की शुरुआत धमाकेदार तरीके से होती है लेकिन सेकंड हाफ में फिल्म थोड़ी बोर और हल्का होना भंसाली के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है फिल्म में गंगूबाई के किरदार को बड़े ही फ्रेंटेसाइज तरीके से दर्शाया गया है जो कि असल जिंदगी में गंगूबाई बेहद साधारण महिला थी
फिल्म देखनी चाहिए या फिर नहीं

काफी समय बाद एक ऐसी फिल्म आई है जो आपको पूरी तरह से बांधे रखती है आपको फिल्म के किसी भी हिस्से में ऐसा नहीं लगेगा कि कोई भी पार्ट छोड़ी जा सकती है अगर आप आलिया भट्ट के फैन है तो आपको ये फिल्म मिस नहीं करनी चाहिए और अगर आप उनके फैन नहीं भी है तो ये फिल्म आपको उनका फैन बनने पर मजबूर कर देगी हमारी तरफ से आलिया भट्ट गंगूबाई काठियावाड़ी को 3.5 आउट ऑफ 5 स्टार मिलता है अगर आपने मूवी देख लिया तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं