
Anupama 30th November 2021 Written Update, written Episode On Bollyjagat.in
Anupama 30th November 2021 Written Update सीरियल अनुपमा के आज के एपिसोड में आप सभी देखेंगे कि वनराज काव्या अरगुमेंट करके अपना पीलो उठाता है और वहां से जाने लगता है तभी काव्या बोलती है V तुम कहां जा रहे हो तभी वनराज कहता है मैं बाहर जा रहा हूं ताकि चैन की नींद सो सकूं कभी रोने लगती है और कहती है नहीं तुम मुझे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकते हो लेकिन वनराज काव्या को धक्का दे देता है
और कहता है आज तक तुमने जो किया सो किया काव्या लेकिन आज के बाद तुमने अगर मेरी फैमिली को हर्ट किया या मेरे बा बाबू की फंक्शन खराब किया तो अब तुम मेरा गुस्सा नहीं मेरा तांडव देखोगी
और इतना कहकर वनराज वहां से चला जाता है वनराज की बात सुनकर काव्या बहुत ज्यादा डर जाती है वहीं दूसरी ओर अनुपमा अपनी कंपनी को मेल भेजती है और बहुत खुश होती है कि मैंने मेल भेजना तो सीख लिया और उसके बाद अनुपमा लैपटॉप बंद करके कहती है अब मैं जरा अनुज को भी मैसेज कर देती हूं कि मैंने अपना काम कर लिया मैसेज भेज कर अनुपमा बा और बापू जी का शादी का जोड़ा निकालती है तो देखती है कि उसमें थोड़ा रफू करना पड़ेगा अनुपमा रफू करने बैठ जाती है
और साथ ही साथ कान्हा जी से प्रार्थना करती है कि कान्हा जी कुछ ऐसा कीजिए ना कि बा और बापू जी का रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत हो जाए और तभी उधर से अनुज एकदम हर बढ़ाते हुए दरवाजा खटखटा ता है अनुपमा भी डर जाती है अनुज को देखती है अनुज एकदम परेशान रहता है अनुज अनुपमा से पूछता है क्या हुआ अनुपमा किसी ने तुम्हें परेशान किया कोई चोर घुस आया था क्या अनुपमा कहती है नहीं ऐसा कुछ नहीं है लेकिन आप ऐसे क्यों बात कर रहे हैं क्या हुआ क्या है
तभी अनुज कहता है तुम्हीं ने तो मैसेज किया बचाओ अनुपमा कहती है नहीं मैंने तो ऐसा कोई मैसेज नहीं किया और उसके बाद फिर अनुपमा मैसेज देखती है तो कहती अरे ये स्मार्टफोन मैंने तो कुछ और लिखा पता नहीं इसने कुछ और कैसे लिख दिया और उसके बाद और अनुपमा हंसने लगते हैं तभी अनुज की नजर बा की साड़ी पर जाती है अनुज पूछता है ये क्या है तभी अनुपमा कहती हो मेरी शादी जैसे अनुपमा इतना बोलती है अनुज कहता है अनुपमा तुम शादी कर रही हो अनु लेकिन तुमने तो बताया कि तुम्हारी जिंदगी में किसी और की जगह नहीं है
कौन है वो क्या करता है अनुपमा कहती अरे जरा रुकिए मेरी बात तो पूरी होने दीजिए बा और बापूजी शादी कर रहे हैं बार फिर से अनुज कहता है बा बाबूजी शादी कर रहे है मतलब इतने दिनों से वो दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में थे और दोनों ने दो बच्चे भी कर लिए तभी अनुपमा कहती है क्या बोल रहे हैं आप बा और बापू जी की 50 वीं शादी की सालगिरह है उस पर शादी कराते हैं ना तो हम लोग वही करवाने जा रहे हैं और उसके बात अनुज कहता है अच्छा ऐसी बात है और उसके बाद अनुज और अनुपमा एक बार फिर से हंसने लगते हैं
इधर वनराज काव्या की बातों को याद करके बहुत ज्यादा गुस्से में होता है और सोच रहा होता है कि किस तरह से वो अब जीरो से हीरो बनेगा तो वहीं दूसरी ओर परितोष भी काव्या की बातों को याद कर रहा होता है कि काव्या ने उसे कहा है कि अगर कोई रिश्ता हमारी जिंदगी में आगे बढ़ने से हमारा पैर पीछे खींचे तो उस रिश्ते को तोड़ देना चाहिए समर आता है और कहता है जब दोनों इस तरह से सोचते हैं ना तो बहुत मॉडल गड़बड़ होने वाली होती है पता नहीं अब दोनों क्या करने वाले हैं इधर अनुज अनुपमा से कहता है
अच्छा चलो बताओ परसों तक शादी की सारी तैयारियां हो जाएगी तभी अनु कहती है कि घर में जितने एक्साइटेड हैं सभी लोग मुझे तो लगता है उससे पहले ही तैयारियां हो जाएगी और मिस्टर साह भी बहुत खुश है तभी अनुज कहता है और मिसेज साह तभी अनुपमा कहती है वो जैसी है वैसे ही है उससे कोई फर्क नहीं पड़ता तभी अनुज कहता चलो बताओ अब मैं तुम्हारी क्या हेल्प कर सकता हूं तभी अनुपमा कहती है मुझे और बापूजी के कपड़े सिलने हैं अनुज कहता है तो कौन सी बड़ी बात है मैं भी तुम्हारी मदद कर देता हूं
अनुपमा कहती है आपको कपड़े सिलने आते हैं तभी अनुज कहता है हां मेरे जीके ने मुझे एकदम सर्वगुण संपन्न बनाया है कपड़े सिलना कपड़े रफू करना मुझे सब कुछ आता है मैं बा और बापू जी की पहली शादी में नहीं जा सका और इस शादी में नहीं जा सकता हूं तो कम से कम शादी के काम में तो मदद कर सकता हूं ना जिसे सुनकर अनूपमा को बहुत बुरा लगता है अनुपमा कहती है कि आई एम सॉरी मुझे आपको बुला लेना चाहिए लेकिन वहां पर मिस्टर साह, तोषु, काव्या सब रहेंगे
और मैं नहीं चाहती कि अब मेरी वजह से आप कुछ भी सुने अनूज कहता है तुम कैसी बातें कर रही हो बस मुझे काम करने दो और तुम्हारा ना इमोशनल बातें करके मुझे पकाओ मत और फिर अनुज और अनुपमा फिर एक दूसरे से कहते हैं कि अच्छा तो मैं आप को पका रही हूं
और सुई से दोनों लड़ाई करने लगते हैं और फिर सिलने बैठ जाते हैं इधर शादी की तैयारियां में सभी लोग जुट जाते हैं तोषु भी लगा हुआ रहता है समर और पाखी एक दूसरे से लड़ाई भी कर रहे होते हैं तभी उधर से बा और बापू जी आते हैं और कहते हैं इतनी सारी तैयारियां करने की क्या जरूरत थी
तभी पाखी कहती है अच्छा मन में तो लड्डू फूट रहे होंगे बा बहुत शर्मा जाती है तभी वहां पर अनुपमा भी आती है और कहती है सॉरी सॉरी मुझसे लेट हो गई थी अब मैं सारी तैयारियां कर दूँगी अब मैं अभी से लेकर मेहंदी तक मैं यही रहूंगी आज तक हर सास ने बहू की मेहंदी पीसी होगी लेकिन आज एक बेटी अपनी मां के लिए मेहंदी पीसेगी लीला बहुत शर्म आती है और सभी लोग बहुत ज्यादा खुश होते हैं वही काव्या ये सब देखकर बहुत ज्यादा गुस्सा हो रही होती है उसके बाद अनुपमा बनराज से कहती है
मिस्टर साह मैं रात तक जब तक यहां पर मेहंदी की फंक्शन खत्म नहीं हो जाती रुकुंगी चलेगा कोई दिक्कत तो नहीं है तभी वनराज कहता है कोई दिक्कत नहीं है तभी अनुपमा कहते हैं और मिस्टर शाह काव्य तभी वनराज कहता है काव्य कुछ नहीं कहेगी डोंट वरी उधर काव्या जब सुनती है तो कहती है मतलब अभी रात तक अनुपमा इसी घर में मंडराती रहेगी और समर बा और बापू जी से कहता है
आप लोग जल्दी से तैयार हो जाइए तभी वह कहती है कि मेहंदी की रसम तो शाम में है ना तो अभी से क्यों तैयार हो जाए तभी समर कहता है क्योंकि प्रीवेडिंग फोटोशूट कराने हैं क्योंकि आप सभी के शादी के फोटो खराब हो चुके हैं
और शादी के पहले ना थोड़ी रोमांटिक पोज में फोटोस खींच आए जाते हैं पहले तो लेना और हंसराज मना करते लेकिन वनराज उन्हें समझाता है और कहते हैं बापूजी और बा बच्चे जो करना चाहते उन्हें करने दीजिए हम लोग भी तो बहुत ज्यादा खुश हैं और उसके बाद अनुपमा मेहंदी पीसने के लिए चली जाती है तभी वहां पर किंजल आती है और अनुपमा से कहती है मम्मी मैं आपकी कुछ मदद करूं तभी अनुपमा कहती नहीं मुझे कोई भी मदद की जरूरत नहीं है तुम जाओ और बापू जी की मदद करो अनुपमा कहती है
कि सब कुछ कितनी जल्दी ठीक हुआ ना जितनी जल्दी खराब हो गया सब उतनी ही जल्दी ठीक हो गया मैं कितनी लगी हो ना कि मैं अपनी मां की मेहंदी पीस रही हूं तभी अनुपमा की बात सुनकर किंजल कहती है काश मेरे साथ भी ऐसा होता कि मैं आपके लिए मेहंदी की थी अनुपम चुप हो जाती है तभी किंजल कहती है ऐसा भी तो हो सकता है
ना मम्मी अब किस्मत का लिखा तो कोई नहीं मिटा सकता ना अनुपमा के पिया तेरा हो गया अब तू जा किंजल के दिन ठीक है अब मैं जा रही हूं तभी वहां पर काव्या आती है और कहती है और अनुपमा और काव्या के बीच में बहुत ही ज्यादा बहस शुरू हो जाती है
जहां काव्या कहती है तुम थोड़ा सा भी शर्म क्यों नहीं करती हनुमान जब देखो मेरे घर में आकर बैठ जाती हो तभी अनुपमा कहती है तुम क्या मेरा घर मेरा घर लगा कर रखी हो कागज पर जितनी जल्दी नाम लिख आता है ना उतनी जल्दी मिट भी जाता है अरे नाम लिखना है ना तो सब के दिलों पर लिखो अनुपमा की बात सुनकर काव्य कहती है अब तुम भी अपने बॉयफ्रेंड की तरह पोएट्री करने लगी हो और अनुपमा और काव्या के बीच में बहुत ज्यादा बहस शुरू हो जाती है तभी वहां पर बनराज आ जाता है
बनराज को देखकर काव्या बिना कुछ बोले ही वहां से चली जाती है तभी अपने मन में सोचती है ऐसा कैसे हो सकता है कि इसने मुझे बिना जवाब दिए ही छोड़ दिया और ये यहां से चली गई और मिस्टर साह से कब से इतना ये डरने लगी और आज के एपिसोड का दी एंड वहीं पर हो जाता है वही कल के एपिसोड में आपसे भी देखेंगे की सारी रस्में शुरू हो जाती है और अनुज भी वहां पर आ जाता है अनुज को देखकर सभी लोग चौक जाते हैं