Anupama 27th November 2021 full episode Written Update
Anupama 27th November 2021 full episode Written Update

Anupama 27th November 2021 full episode Written Update: Kavya Orders Baa

Anupama 27th November 2021 full episode Written Update, written Episode On Bollyjagat.in

Anupama 27th November 2021 full episode Written Update सीरियल अनुपमा के आज के एपिसोड में आप सभी देखेंगे की काव्या वनराज से बात करने की कोशिश करती है लेकिन वनराज काव्या कोई दिन और करता है तभी गुस्से में काव्या कहती है तुम बात को समझ क्यों नहीं रहे हो मैं तुम्हारी फैमिली को एक्सेप्ट करने की कोशिश कर रही हूं ना उनके साथ रहने की पूरी कोशिश कर रही हूँ ना और मैंने कहा है ना कि मैं सब कुछ संभाल लूंगी तो फिर तुम मुझसे ऐसे मुंह क्यों फिर रहे हो कल बा ने मुझे कमरे से बाहर कर दिया लेकिन मैंने कोई रिऐक्ट किया नहीं किया ना

और ऐसे में तुम मुझसे बात नहीं करोगे इतना कोल्ड बिहेव करोगे तो फिर कैसे काम चलेगा लेकिन फिर भी वनराज काव्या की बातों को इग्नोर करके वहां से चला जाता है वही अनुज अनुपमा दोनों एक दूसरे से बात कर रहे होते जहां अनुज कहता है अनुपमा से कि यह बहुत अच्छी बात है कि तुम्हारे और बाकी बीच की दूरियां कम हो रही है और तुम भी पुरानी सारी बातों को भूल जाना क्योंकि जहां पर प्यार होता है वहां पर थोड़ी लड़ाइयां होती है अनुपमा हंसती और कहती हां बिल्कुल सही कहा आपने और मीटिंग तो खत्म हो गई है

तो फिर हम यहां पर क्या कर रहे हैं तभी अनुज कहता है क्योंकि यहां की मिल्क शेक बहुत अच्छी है और हम यहां पर मिल्क शेक पीने के लिए आए हैं देखो हमें ना लाइफ में हर चीज को अच्छे से सेलिब्रेट करनी चाहिए कभी लाइफ में खुशियां बरकरार बनी रहती हैं और उसके बाद अनुज अनुपमा को आर्डर करने को कहता है लेकिन अनुपमा कहते नहीं आप ही ऑर्डर कर दी थी और मेरे लिए भी आर्डर कर दीजिए क्योंकि मैं ऐसे जगहों पर बहुत कम बाहर गई हूं और अगर गई हो तो मैंने कभी ऑर्डर नहीं किया है

मिस्टर शाह ही आर्डर करते थे तभी अनुज कहता है ठीक है तो तुमने जो नहीं किया है अब तुम करो और अनुज अनुपमा को आर्डर करने को कहता है अनुपमा डिसऑर्डर करती है तभी अनुज कहता है हम अपने रेस्टोरेंट में लेडीस फर्स्ट का थीम रखेंगे पहले लेडीस अपने लिए खाना ऑर्डर करेंगे क्योंकि हर घर में यही होता है पति और बच्चे आर्डर कर देते हैं और उसके बाद पत्नी को खाना वेस्ट ना हो इसीलिए उसे खाना को खाना पड़ता है कितने में ही अनुपमा को पाखी का कॉल आ जाता है

और पाखी अनुपमा को जल्दी से अपने स्कूल बुलाती है पेरेंट्स मीटिंग के लिए तभी अनुपमा कहती है लेकिन आज तक तो तुम्हारे पापा आए हैं ना बाकी कहती है मैंने पापा को फोन किया लेकिन पापा फोन नहीं उठा रहे हैं आप जल्दी से आ जाओ तभी अनुज कहता है ठीक है हम जल्दी से चलते हैं और फिर अनुज बिना तान मिल्क शेक पिए ही निकल जाता है जिसे देखकर अनूपमा को बुरा लगता है और अनुपम अपने मन में कहती है कब तक अपने कारण इन्हें भी परेशान करते रहेगी अनुपमा कितना मन था

इन्हें पान मिल्क शेक पीने का लेकिन इन्होंने वह भी नहीं पिया अनुज कहता है क्या हुआ तुम क्या सोच रहे हो चलो जल्दी से गाड़ी में बैठो अनुपमा गाड़ी में भी बैठती है फिर वही सब सोच रही होती है इधर देविका अनुपमा का इंतजार कर रही होती है और कहती है मुझे तो इसी टाइम उसने मिलने को बुलाया था अब पता नहीं खुद कहां गायब हो गई है तभी उधर से अनुपमा और अनुज की गाड़ी को आते देख देविका समझ जाती है

अनुपमा अनुज से कहती है सॉरी मेरी वजह से आपका टाइम वेस्ट हुआ तभी अनुज कहता है क्या बाकी का काम जरूरी नहीं था अनुपमा कहती है बहुत जरूरी था तभी अनुज कहता है तो फिर टाइम वेस्ट कैसे हुआ इतने में ही देविका अनुपमा और अनुज को डरा देती है दोनों लोग हंसने लगते हैं और उसके बाद देविका अनुपमा के घर जाती है अनुपमा देविका के लिए चाय बनाती है लेकिन चाय में शक्कर डालना भूल जाती है

तभी देविका कहती है बात क्या है तू क्या सोच रही है तब से तेरा ध्यान किधर है तभी अनुपमा कहती है कहीं नहीं मैं तो बस चाय बना रही हूं तभी देविका कहती है मैं ना सब समझ रही हूं तुम मुझसे झूठ क्यों बोल रही है बात अनुज के बारे में है ना यानी कि मैं जो समझ रही हूं वही है तभी अनुपमा कहती हां वही जो नहीं होना चाहिए जिसे सुनकर देवी कब बहुत खुश होती है अनुपमा की बात सुनकर देविका खुश हो जाती है और कहती है इसका मतलब तुझे अनु से प्यार हो गया अनुपमा कहती है कुछ भी बोलती है

जो नहीं होना चाहिए मतलब कि मेरे वजह से वो परेशान हो रहे हैं वो जो कि नहीं होना चाहिए उनके दिल में मेरे लिए क्या यह मैं अच्छी तरह से जानती हूं लेकिन ऐसा तो नहीं है ना कि अपने पूरे परेशानियों की गठरी में उनके सामने रख दूं चप्पल ढूंढने से लेकर घर ढूंढने तक हर पल हमेशा उन्होंने मेरी मदद की है बिना बताए बिना कहे यह तो उनका बड़प्पन है और बदले में मैंने क्या किया मैं क्या कर रही हूं मैं उनकी अच्छाई का नाजायज फायदा उठा रही हूं

उन्होंने मेरे बेटे की जान बचाई मेरी जान बचाई मेरी मान के लिए लड़े मेरे सम्मान के लिए लड़े पता नहीं कितना कुछ सहा किसके लिए मेरे लिए आज उन्होंने मेरे लिए इतनी बड़ी मीटिंग छोड़कर मेरी बेटी की स्कूल गए वो भी मेरे लिए कोई इतना कुछ कर दे और बदले में कोई उम्मीद नहीं रखते हैं कोई शिकायत नहीं करते शिकायत की बात तो दूर उनके माथे पर एक शिकंज तक नहीं आती माना कि एक दोस्त दूसरे दोस्त के लिए हमेशा खड़ा रहता है लेकिन ऐसा तो नहीं है ना कि एक दोस्त जो हमेशा मदद करता रहे

और दूसरा है कि कुछ ना करें सिर्फ और सिर्फ उसे परेशानियां ही दे तभी देविका अनुपमा को समझाती है और उससे कहती है तुम बहुत ज्यादा ओवर रिएक्ट कर रही हो तुम्हारे फैमिली ने तुम्हें एकदम मेलोड्रामा बना दिया है जो हर बात पर इतना ज्यादा रिएक्ट करती हो अरे अनुज दोस्त है तो दोस्त दोस्त के काम नहीं आएगा तो किसके काम आएगा अनुपमा कहती हर बार वही क्यों काम आए मैं भी तो दोस्त हूं लेकिन मैं तो कभी उनके काम नहीं आती हूं देविका समझाती है कि ऐसा नहीं है

अनुज तुमसे प्यार करता है और उसकी कोई फैमिली नहीं हो तो हो सकता है अनुज तुम्हारी फैमिली को अपनी फैमिली मानता हूं और तुम कुछ ज्यादा ही सोच रही हो इधर एक बार फिर से पारितोष और किंजल के बीच में झगड़ा हो जाता है जहां किंजल तोषु से साफ साफ कह देती है कि मुझे तुम्हारे साथ एक कमरे में रहने में भी प्रॉब्लम होती है और अगर ऐसा ही चलता रहा ना तो मैं तुम्हारे साथ कभी नहीं रहना चाहूंगी जिसे सुनकर तो उसे भी गुस्से में आ जाता है और कहता है कि

तुम्हें मेरे साथ नहीं रहना है ना तो ठीक है किंजल अब तुम मेरे बिना ही रहोगी इधर एक बार फिर से देविका अनुपमा को समझाती है और कहती है कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम्हें भी अनुज से प्यार हो गया लेकिन अनुपमा कहते नहीं ऐसा कुछ नहीं है तुम कुछ ज्यादा सोच रही हो और तुम ना दोस्ती को प्यार का नाम मत दो तभी देविका अनुभवों से कहती है और तुम प्यार को दोस्ती का नाम मत दे समझी ना हर कुछ तेरी मर्जी से नहीं होगा अनुपमा जो कान्हा जी ने लिखा है

वही होगा और क्यों अपने मन को इतना रोक रही है तू जो हो रहा है उसे होने देना इधर लीला कहती है मैंने अनुपमा को मैसेज कर दिया है अनुपमा आती होगी फिर मैं उसी के साथ मंदिर चली जाऊंगी तभी काव्या वहां पर आती है और कहती है आज तो अपने अनुपमा को बुला लिया लेकिन आज के बाद अनूपमा को बुलाने से पहले मुझसे पूछना होगा क्योंकि घर मेरा है और इस घर में सिर्फ और सिर्फ मेरा ही चलेगा इतना कहकर काव्य वहां से चली जाती है

तभी हंसराज वहां पर आते हैं लीला और हंसराज एक दूसरे से कहते हैं कि इस घर में ऐसा लग रहा है कि अब हम किरदार हैं अपना घर है ही नहीं तभी लीला कहती है जब अनुपमा इस घर में आई थी तो उसने दो कमरे को महल बना कर रख दिया और जब चले गए तो सब कुछ टूट सा गया है आपको याद है हमारे 25वीं सालगिरह है लेकिन इस बार बच्चों को तो याद भी नहीं होगी और हम भी अपने बच्चों को परेशान नहीं करेंगे हंसराज कहते हैं लीला तुमने बिल्कुल सही कहा हम किसी को नहीं बताएंगे

तुम उस दिन हलवा बना लेना हम हलवा को ही केक समझ कर काट लेंगे और सुबह-सुबह मंदिर चले जाएंगे लेकिन पीछे से अनूपमा सारी बातें सुन लेती है और एपिसोड का दी है वहीं पर हो जाता है वहीं सोमवार के आने वाले एपिसोड में आप सभी देखेंगे कि अनुपमा वनराज और बाकी घर वालों से कहती है कि बापू जी का और बाघ का एनिवर्सरी आने वाला है तो क्यों ना हम एक बार फिर से बा और बापू जी की शादी करवाएं सभी लोग मान जाते हैं

लेकिन काव्या कहती है इस घर में मेरे से बिना पूछे कोई फंक्शन नहीं होगा तभी वनराज गुस्से में काव्या से कहता है तो बताइए काव्या जी क्या करूं मैं अपने परिवार को लेकर यहां से चला जाऊं तो ये सब होगा सोमवार के आने वाले एपिसोड में

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