Anupama 25th November 2021 full episode Written Update, written Episode On Bollyjagat.in
Anupama 25th November 2021 full episode Written Update सीरियल अनुपमा के आज के एपिसोड में आप सभी देखेंगे की काव्या बहुत ज्यादा गुस्से में होती है और कहती है मुझे रूम से निकाल दिया मुझे बा बहुत हीरोइन बन रही है ना फटीचर फैमिली पता नहीं अंदर ऐसी कौन सी डिस्कशन कर रहे हैं ये लोग या फिर तिजोरी का पासवर्ड चेंज कर रहे हैं जो मुझे रूम से बाहर निकाल दिया इधर लीला अनुपमा से कहती है काव्या ने घर छीन लिया पर डांस एकेडमी अभी भी तेरा ही है और तेरा ही रहेगा तू मुझसे वादा कर कि वो डांस स्कूल तू वहां से नहीं हटाएगी
मैंने तेरा जो भी नुकसान किया है मैं वो सब भरपाई कर दूंगी कल जाकर सब साफ भी कर दूंगी बस तू वहां से वो डांस स्कूल मत हटाना आज तक मैंने तेरे सारे अधिकार छीन लिए हैं आज पहली बार कह रही हूं कि तेरा ये अधिकार मत छोड़ हंसराज भी कहते हैं मान जाओ बेटा और घर के सभी लोग अनुपमा को मान जाने को कहते हैं अनुपमा कुछ नहीं बोलती तभी लीला कहती है मेरी गलती की सजा मुझे देना खुद को मत दे अरे वो डांस स्कूल तेरा मंदिर है और वो मंदिर के बाहर मत जा तू नहीं जाएगी ना
मेरी बात मानेगी ना बोल तभी अनुपमा हां कहती है लीला कहती है तू कहीं भी रह मुझसे दूर रह मुझे कोई परेशानी नहीं बस यहां ना हमें मिलने आते जाते रहना त्यौहार में तीज में 2 मिनट के लिए तो बस 2 मिनट के लिए हैं कभी लड़ने झगड़ने आ जाना कभी इस बुढ़िया को ताने मारने आजा तो आना मुझे अच्छा लगेगा और मैं भी तेरी राह देखूंगी तु आएगी ना अनुपमा तभी अनुपमा कहती है मैं आपकी एक बात मान ली बा पर ये बात नहीं मान पाऊंगी आप मेरे घर आ सकती हैं सब मेरे घर आ सकते हैं रह सकते हैं
मुझे बहुत खुशी होगी पर मैं इस घर में नहीं आऊंगी क्योंकि ये घर मेरा नहीं है और ये घर जिसका है ना वो उसे मेरा यहां आना अच्छा नहीं लगेगा तभी लीला कहती ये घर तेरा नहीं है पर परिवार तो तेरा है परिवार को मिलने भी नहीं आएगी मां बापू जी को मिलने नहीं आएगी तू आएगी तो मुझे बहुत खुशी होगी मेरी खुशी के लिए आ जाएगी ना बोल आएगी ना देख तेरी आने की उम्मीद होगी तो ये जीना मुश्किल नहीं लगेगा लेकिन अगर तेरे आने की उम्मीद नहीं रहेगी तो पता नहीं उम्र भी कितनी रहेगी नहीं मन करे तो बस आंगन से ही अपना चेहरा दिखा कर चले जाना
पिछले 26 सालों से मेरे दिन की शुरुआत तेरे आवाज सुन के और तेरा चेहरा देखने से होती रही है अब तू नहीं है ना तो ऐसा लगता है कि जैसे दिन की शुरुआत ही नहीं होगी सूरज ही नहीं उगता हम दोनों को एक दूसरे की आदत थी तू मेरी अच्छी आदत थी और मैं तेरे बुरी आदत अब मैं अच्छी आदत छोड़ना नहीं चाहती तू नहीं है ना तो ऐसा लग रहा है कि जैसे उम्र कैद की सजा काट रहे हैं अगर तू आती जाती रहेगी तो ये सजा काटने में थोड़ी मुश्किल कम हो जाएगी
मैं तेरे आगे हाथ जोड़ती हूं इधर सभी लोग बात कर रहे होते तभी वही दरवाजे पर खड़ी होकर काव्या छिपकर सारी बातें सुन लेती है और उसे बहुत तेज गुस्सा आता है अनुपमा कहती है ठीक है बा आ जाया करूंगी वही गुस्से में काव्या कहती है मैं भी देखती हूं अनुपमा मेरे घर में कैसे घुसती है अनुपमा लीला से कहती है पर आपको भी एक बात माननी पड़ेगी बा अब से जरा भी रोना धोना नहीं आप सिर्फ आराम करेंगी और अपना पूरा पूरा ध्यान रखेंगी और दवाई टाइम टू टाइम लेंगी
और अगर खाने में जरा सा भी आपने आनाकानी की या जरा भी नाटक किया ना तो मैं नहीं आऊंगी लीला कहती है ठीक है मैं तेरी हर बात मानूंगी सब खाऊंगी आराम भी करूंगी अनुपमा कहती है तो ठीक है मैं भी आपसे मिलने आऊंगी जिसे सुनकर लीला की आंखों में आंसू आ जाते हैं तभी समर किंजल और बाकी मिलकर लीला से कहते हैं बा अब आप क्यों रो रही हैं मम्मी ने तो हां कहा है ना तभी लीला कहती हैं हां और उसके बाद अनुपमा लीला से कहती है बा अब ना आप अपनी आंख बंद करके सो जाइए
आराम कीजिए लीला कहती है मुझे नींद कैसे आएगी तभी अनुपमा वनराज से कहती है मिस्टर सा आपको कोई अच्छा सा गाना सुना दीजिए ना तभी बाकी कहती हां बाबा जो गाना आप मुझे सुनाते थे वही गाना मां को भी सुना दीजिए और उसके बाद वनराज लीला को एक दूसरे से करते हैं प्यार हम गाना सुनाता है लीला सो जाती है और उसके बाद अनुपमा कहती है ठीक है अब मैं चलती हूं जब भी मेरी जरूरत होगी आप लोग बस एक बार मुझे फोन कर दीजिएगा मैं आ जाऊंगी
और उसके बाद अनुपमा जैसे ही बाहर जाने लगती है उसकी नजर कान्हा जी पर पड़ती है अनुपमा मंदिर में जा कर दिया जलाने लगती है तभी पीछे से काव्या आ जाती है और कहती है वाह क्या बात है अनुपमा तभी अनुपमा कहती है वही मैं सोच रही थी काव्या अभी तक तुमने नाटक क्यों नहीं किया तभी काव्या कहती है वो इसलिए क्योंकि मैंने सोचा कि इतनी बड़ी एक्सपर्ट बैठी है तो तुम ही से थोड़ा सीख लू तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर में आने की और दिया जलाने की
तभी अनुपमा कहती है तुमने तो मेरे घर को जला दिया था मैं तो तुम्हारे घर में दिया जला रही हूं काव्या कहती है जस्ट शट आप अनुपमा बा ने तुम्हें भले ही इस घर में आने को बोला है लेकिन घर मेरा है और इस घर में सिर्फ मेरी चलेगी तो मैं तुम्हें बता रही हूं कि कभी भी इस घर में उठा कर मत आ जाना तभी अनुपमा कहती है ठीक है अगर मुंह उठाकर नहीं आ सकती तो सर झुका कर तो आ सकती हूँ ना तभी काव्या गुस्से में कहती है अगर दोबारा तुम इस घर में आई ना तो मुझे बोर्ड लगाना पड़ेगा कि कुत्ते और अनुपमा इस घर में नहीं आ सकते
तभी अनुपमा कहती है बोर्ड का क्या फायदा ये बात तो तुम मुझे वैसे भी बता चुकी हो और बेचारे कुत्ते वो पढ़ नहीं पाएंगे तो बेकार में इतना खर्चा क्यों करना तभी काव्या कहती है तुम कितनी बेशरम हो अनुपमा मैंने तुम्हें जानवर के साथ कंपेयर किया फिर भी तुम्हें शर्म नहीं आ रही है अनुपमा कहती है इसमें कौन सी शर्म की बात है जानवर तो कितने अच्छे होते हैं हां मुझे शर्मिंदगी होती अगर मेरा नाम अपने साथ कंपेयर किया होता तो वो बेचारी दोस्त तो थोड़े से वफादारी के बदले घर की रखवाली करते हैं
धोखे से कागजात पर साइन नहीं करवा लेते तभी काव्या जोर से चिल्लाती है अनुपमा कहती है चिल्लाओ मत अगर तुम्हारे पति ने सुन लिया तो यहां पर आ जाएंगे और तुम्हें डांट पड़ेगी वैसे तो तुम्हारे समझ के बाहर है पर वैसे भी जरा समझने की कोशिश करो जिस इंसान से रिश्ते टूट जाते हैं ना वह इंसान टूट जाता है अब् बा को ही देख लो 50 साल से उन्होंने इतने सारे रिश्ते जोड़ के रखे फिर भी टूट गए तुमने तो आज तक एक रिश्ता भी ठीक से नहीं जुड़ा है काव्या घर की मालकिन तो बन गए लेकिन धोखे से घर की बहू नहीं बन पाओगी
क्योंकि धोखे से रिश्ता नहीं चलता और बा बदल गई है काव्या अच्छा हुआ कि तुमने बदल दिया अरे कान्हा जी ने तुम्हें इतना अच्छा ससुराल दिया है इतने प्यार करने वाले लोग दिए हैं तुम ससुराल के बन जाओ तो ससुराल भी तुम्हारा बन जाएगा और बार-बार बात बात पर आंख घुमाना बंद करो तुम इधर उधर देखते रह जाओगे और तुम्हारा पति फिर और कहीं चला जाएगा कभी-कभी हंसती और कहती अच्छा वह मुझे छोड़ देगा जैसे उसने तुम्हें छोड़ दिया था तुम तो दिन रात भगवान से यही मांगती होगी ना बस जैसे तैसे करके भी मुझे छोड़ दे
और तुम्हारा बदला पूरा हो जाए अनुपमा कहती है अरे तुम तो पढ़ी लिखी हो समझदार हो ना तुमने डिग्री क्या है इसी सबकी दिया था अपने जिंदगी में आगे बढ़ो कुछ काम करो तभी काव्या गुस्से में कहती है तो प्लीज तुम ना मुझे लेक्चर देना बंद करो और तुम यह सोच रही हो ना कि मैं इस घर को छोड़कर चली जाऊंगी भी मुझे तलाक दे देगा तो ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि भी मुझसे प्यार करता है और तुम अपने आप पर ध्यान दो ना तुम्हारा बॉयफ्रेंड तो है ही तुम्हारे पास पता नहीं उसने क्या देख लिया तुम्हारे अंदर
तभी अनुपमा कहती है अभी आधे घंटे से बात कर रहे थे ना तभी पूछ लेती कोई बात नहीं कल दोबारा आएंगे तो पूछ लेना उनसे मुझे उससे कोई मतलब नहीं है कि तुम्हारे पति तुम्हारे पास है या किसी और के पास जा रहे हैं लेकिन एक बात तुम याद रखना भले ही घर तुम्हारा है लेकिन परिवार मेरा है और मैं बा बापू जी से मिलने आ जाया करूंगी इसलिए तुम्हें कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए इतना कहकर अनुपमा कान्हा जी के सामने हाथ जोड़ती है और कहती है कान्हा जी सब ठीक करना
और इस मंदबुद्धि को थोड़ी सी बुद्धि देना इसके लिए नहीं कम से कम मेरे परिवार के लिए और इतना कहकर अनूपमा वहां से चली जाती है तभी काव्या कहती है हद कर दी है इन लोगों ने मेरे मुंह के सामने तो बेज्जती करते ही करते थे अब भगवान के सामने भी मेरा इंसल्ट कर के चले जाते हैं अनुपमा बाहर ऑटो का इंतजार कर रही होती है तभी वनराज अनुपमा के पास आता है अनुपमा डर जाती है और बनराज से कहती है सॉरी मुझे घर नहीं आना चाहिए था लेकिन बा के बारे में खबर लगी तो मुझसे रहा नहीं गया
तभी वनराज कहता है मुझे कोई दिक्कत नहीं है तुम आ सकती हो इस घर में तभी अनूपमा कहती है आपसे एक बात कहनी थी आप बुरा मत मानिए गाबा की तबीयत खराब है और बाबूजी भी माफ नहीं कर पा रहे हैं तो आप वा को माफ कर दीजिए तो बापूजी को भी आसानी होगी बा को माफ करने में बनराज हां कहता है और उसके बाद कहता है काव्या ने जो कुछ भी किया बहुत गलत किया उसे धोखे से साइन करवा कर घर छीन कर मेरे दिल से हमेशा हमेशा के लिए निकल गई
अब मैं जीरो से हीरो बनकर दिखाऊंगा तुम्हें तो पता है कि बन रहा था क्या था और क्या हो गया बस तुम्हें यह सारी बातें बताना तो नहीं चाहिए थी पर मन किया तो बता दिया इतना कहकर बलराज वहां से जाने लगता है तभी अनुपमा कहती है कि मिस्टर साह हीरो पर रहिएगा जरूर लेकिन अपना दिल वही रखिएगा और अगली सुबह भाई दूज के दिन अनुपमा का भाई उससे मिलने आता है और वही चुंबक दिखाता है जो अनुज के पास रहता है और उसे बताता है कि तुमने मुझसे चुराया था
मैंने चुंबक पर एक निशान लगाई थी और पता है एक तरफा की बात वही निशान अनुज की चुंबक पर भी था जिसे सुनकर अनूपमा शौक रह जाती है और एपिसोड का दी एंड वहीं पर हो जाता है कल के एपिसोड में आप सभी देखेंगे कि पूरा सा परिवार मिलकर खुशी खुशी भाई दूज मनाता है इधर अनूपमा पहली बार अनुज के लिए केक बनाती है और उससे कहती है पता नहीं कैसा बना होगा तभी पीछे से अनूज अनुपमा को आई लव यू के तो जिसे सुनकर अनुपमा वही के वही खड़ी रह जाती है तो ये सब होगा कल के आने वाले एपिसोड में